गोसेवक प्रशिक्षण कार्यक्रम:- देश में गोवंश के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए प्रशिक्षित एवं श्रद्धावान गोसेवकों की बहुत आवश्यकता है। इसके लिए हमारी संस्था ने निर्णय लिया है कि देशभर में लाखों श्रद्धावान गोसेवकों को गोसेवा एवं गोशाला प्रबंधन के विषय में प्रशिक्षित किया जाएगा।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम दो चरणों में पूरा किया जाएगा।
प्रथम चरण में गोसेवकों को गोवंश के स्वभाव, उनके आहार, रखरखाव, उपचार एवं गोशाला प्रबंधन आदि विषयों में प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही गोसेवकों को गोवंश के धार्मिक, सामाजिक एवं आर्थिक महत्व, गोरक्षा का बलिदानी इतिहास, गोवंश के साथ हो रहा षडयंत्र, गौ उपासना, भक्ति एवं योग साधना का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त गोरक्षा के लिए विपरीत परिस्थितियों में भी मानसिक एवं शारीरिक रूप से बलिष्ठ होने के लिए गोसेवकों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
द्वितीय चरण में गोसेवकों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए गोवंश के पंचगव्य द्वारा विभिन्न प्रकार के उत्पादों के निर्माण एवं उनके उपयोगों के विषय में शिक्षित एवं प्रशिक्षित किया जाएगा। जिसमें मुख्यतः विभिन्न प्रकार की खाद्य वस्तुओं का निर्माण, औषधियों का निर्माण एवं चिकित्सा पद्धति, जैविक कृषि एवं ऊर्जा संबंधित विषय आदि होंगे।
प्रशिक्षण में उत्तीर्ण गोसेवकों को प्रमाणपत्र दिया जाएगा। प्रमाणपत्र के द्वारा गोसेवक देशभर के गोशालाओं में उचित मानदेय पर विभिन्न पदों पर नियुक्ति प्राप्त कर सकेंगे। गोशालाओं में श्रद्धावान एवं प्रशिक्षित गोसेवकों की नियुक्ति होने से गोवंश संरक्षण एवं संवर्द्धन प्रकल्प को बहुत बल मिलेगा। इसके अतिरिक्त गोसेवकों को भी धार्मिक, आर्थिक, सामाजिक आदि उपलब्धियां हो सकेंगी साथ ही समाज में उन्हें एक योग्य एवं महत्वपूर्ण व्यक्तित्व के रूप में भी प्रतिष्ठा मिलेगी।