गोशाला निर्माण:- एक समय था जब भारत के गरीब से गरीब परिवार के पास भी अनेकों गाय बैल हुआ करते थें। एक अध्ययन के अनुसार 1947 के पूर्व भारत में लगभग 70 करोड़ शुद्ध भारतीय नस्ल के गोवंश हुआ करते थें जो कि अब लगभग 2 करोड़ ही बचे हैं। ऐसे ही एक अध्ययन के अनुसार आज भी भारत में प्रतिदिन लगभग 1 लाख गोवंश की हत्या कत्लखानों में कर दी जाती है। भारत में 95% से अधिक लोग गोमांस नहीं खाते फिर भी भारत में प्रतिवर्ष करोड़ों गायों की हत्या करके उनके मांस का निर्यात किया जाता है। जबकि जिन देशों में 100% आबादी गोमांस भक्षण करती हैं उन देशों में भी इतना गोवंश नहीं काटा जाता है। यह बात हम भारतीयों के लिए अत्यन्त शर्म की बात है।
यदि भारत में शीघ्र गोहत्या बंद नहीं की गई तो कुछ ही वर्षों में भारत से भारतीय देशी गोवंश समाप्त होने की स्थिति में आ जायेंगे।
जब तब भारत की आम जनता एकजुट होकर गोहत्या के विरोध में खड़ी नहीं होती और गोवंश को पुनः पूर्व के भांति अपने घरों में सम्मान पूर्वक स्थापित नहीं करती तब तक गोवंश को बचाए रखने के लिए हम सभी गोभक्तों को देशभर में अधिक से अधिक गोशालाओं का निर्माण करके गोवंश के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए प्रयास करते रहना होगा।
हमारा लक्ष्य है कि भारत के प्रत्येक जिले में हजारों एकड़ गोचर भूमि निर्धारित किए जाएं और क्रय करके गोशालाओं का निर्माण किया जाए। प्रत्येक गोशाला में नस्ल सुधार कार्यक्रम के तहत उत्तम कोटि के स्वस्थ एवं दुधारू गोवंश तैयार किए जाएं।
प्रत्येक गांव में यदि 100 गायों की एक गोशाला होगी तो भारत में लगभग 7 लाख गांव होने के कारण देशभर में 7 करोड़ गायों का संरक्षण किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त शहरी क्षेत्रों में भी पर्याप्त भूमि होने पर व्यवस्थित गोशालाओं का निर्माण करके करोड़ों गायों की सेवा की जा सकती है। हमारी संस्था एक एक करके प्रत्येक गांव में व्यवस्थित गोशालाओं की स्थापना करेगी और कुछ वर्षों में अपने उद्देश्य गोवंश संरक्षण एवं संवर्द्धन के प्रयास को सफल करेगी।